
🌿 आँखों में जलन या ड्राईनेस का आयुर्वेदिक इलाज -आधुनिक जीवनशैली, स्क्रीन पर अधिक समय बिताना, नींद की कमी और प्रदूषण—ये सभी कारण आँखों में जलन और सूखेपन (Dryness) की समस्या को बढ़ा सकते हैं। आयुर्वेद में नेत्र रोगों का उल्लेख विस्तार से किया गया है, और इसके अनुसार आँखों की देखभाल शरीर की समग्र संतुलन से जुड़ी होती है।
🔍 लक्षण:
- आँखों में चुभन या जलन
- रेत जैसा महसूस होना
- बार-बार पलकें झपकाना
- आँखों में लालिमा या थकावट
🌿 आयुर्वेदिक दृष्टिकोण:
आयुर्वेद के अनुसार यह समस्या वात और पित्त दोष के असंतुलन से उत्पन्न होती है। वात दोष आँखों को शुष्क बनाता है, जबकि पित्त दोष जलन और सूजन को बढ़ाता है।
✅ आयुर्वेदिक उपचार:
1. त्रिफला जल से नेत्र प्रक्षालन
त्रिफला चूर्ण को रातभर पानी में भिगोकर सुबह छान लें और उससे आँखें धोएं। यह आँखों को ठंडक और पोषण देता है।
2. गुलाब जल का प्रयोग
शुद्ध गुलाब जल की कुछ बूंदें आँखों में डालने से जलन में राहत मिलती है। यह प्राकृतिक कूलिंग एजेंट है।
3. घृतपान (गाय के घी का सेवन)
गाय का शुद्ध घी आँखों की स्निग्धता बढ़ाता है और दृष्टि को सुधारता है। इसे भोजन में शामिल करें या चिकित्सकीय सलाह से नेत्र तर्पण में प्रयोग करें।
4. नेत्र तर्पण (Panchakarma Therapy)
यह एक विशिष्ट आयुर्वेदिक प्रक्रिया है जिसमें औषधीय घी से आँखों को स्निग्ध किया जाता है। यह नेत्र रोगों में अत्यंत लाभकारी है।
5. आहार और जीवनशैली
- ताजे फल, हरी सब्जियाँ और घी युक्त भोजन लें
- स्क्रीन टाइम सीमित करें
- पर्याप्त नींद लें
- आँखों पर ठंडी पट्टी रखें
🧘 विशेष सलाह:
यदि समस्या लगातार बनी रहे, तो किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें। स्व-उपचार से बचें और प्रमाणित औषधियों का ही प्रयोग करें।
नोट: यह जानकारी केवल शैक्षणिक उद्देश्य के लिए है। व्यक्तिगत चिकित्सा सलाह के लिए विशेषज्ञ से संपर्क करें।

